
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर गाड़ दिया है! जिले की ग्राम पंचायत जिंदा को प्रदेश का पहला टीबी (तपेदिक) मुक्त गांव घोषित किया गया है, जो ‘टीबी मुक्त भारत अभियान’ को एक सशक्त आधार प्रदान करता है। यह एक ऐसी उपलब्धि है जो पूरे राज्य के लिए प्रेरणा बन गई है।
आज इस ऐतिहासिक अवसर पर, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा और स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल स्वयं ग्राम जिंदा पहुँचे और ग्राम पंचायत को टीबी मुक्त होने का प्रमाण पत्र सौंपकर इस गौरवशाली क्षण का हिस्सा बने।
कार्यक्रम में अपने संबोधन में स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘टीबी मुक्त भारत अभियान’ के महत्व पर जोर दिया, जिसे छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में पूरी गंभीरता से लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि एक समय में टीबी को एक गंभीर और लाइलाज बीमारी माना जाता था, लेकिन अब आधुनिक चिकित्सा, टीके, प्रभावी दवाइयों और सबसे महत्वपूर्ण, जनभागीदारी के कारण यह बीमारी नियंत्रण और समाप्ति की ओर बढ़ रही है।
श्री जायसवाल ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि किसी भी स्वास्थ्य अभियान की सफलता केवल सरकारी प्रयासों से नहीं मिल सकती, बल्कि इसमें समाज की सक्रिय भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कबीरधाम जिले में 84 ग्राम पंचायतों के टीबी मुक्त घोषित होने को इसी सामाजिक सहभागिता और प्रशासनिक सक्रियता का प्रत्यक्ष प्रमाण बताया। स्वास्थ्य मंत्री ने उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की सतत निगरानी और नेतृत्व की भी सराहना की, जिसके कारण जिले को यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने ग्राम जिंदा को इस अद्भुत उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह गांव पूरे प्रदेश के लिए एक प्रेरणा बन गया है। उन्होंने ग्राम जिंदा की सक्रियता, सजगता और सामूहिक प्रयासों की तारीफ की, जिनके चलते यह संभव हो पाया। उन्होंने यह भी बताया कि कबीरधाम जिले की कुल 84 ग्राम पंचायतें अब तक टीबी मुक्त हो चुकी हैं, जो न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए अनुकरणीय उदाहरण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी और मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़, ‘विकसित भारत’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस अवसर पर नए लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड भी प्रदान किए गए।
इस गरिमामयी कार्यक्रम में सीजीएमएससी के अध्यक्ष श्री दीपक म्हस्के, कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री ईश्वरी साहू, जिला पंचायत सीईओ श्री अजय त्रिपाठी सहित कई गणमान्य जनप्रतिनिधिगण और प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित रहे।
यह उल्लेखनीय है कि जिले में निक्षय मित्र योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। इस योजना ने जनभागीदारी को केंद्र में रखते हुए टीबी मरीजों को नियमित दवा और पोषण सहायता उपलब्ध कराई, जिससे टीबी की रोकथाम और मरीजों के जीवन स्तर में सुधार सुनिश्चित किया गया। जिंदा गांव की यह सफलता दर्शाती है कि एकजुट होकर हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं और स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं!