
अक्सर हम दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची देखते हैं, लेकिन कभी सोचा है कि अगर “सबसे गरीब आदमी” की लिस्ट बने तो कौन टॉप पर रहेगा? अगर ऐसी कोई लिस्ट बनती, तो मध्य प्रदेश के सतना जिले के नयागांव निवासी रामस्वरूप का नाम शायद सबसे ऊपर होता। जी हां, एक ऐसा आय प्रमाण पत्र सामने आया है, जिसमें उनकी सालाना आय मात्र ₹3 दर्ज है!
यानी, महीने भर की उनकी औसत आमदनी सिर्फ 25 पैसे है। इतने में तो न आजकल चाय मिलती है, न नमक! क्या आप सोच सकते हैं कि कोई व्यक्ति इतने कम पैसों में अपना गुजारा कैसे चलाएगा?
यह कोई मज़ाक नहीं, बल्कि सरकारी ‘दस्तावेज़’ है!
आप सोच रहे होंगे कि यह सोशल मीडिया पर वायरल कोई मज़ाकिया पोस्ट होगी, लेकिन ठहरिए! यह कोई चुटकुला नहीं, बल्कि प्रशासन की ओर से विधिवत जारी किया गया एक आधिकारिक दस्तावेज है, जिस पर तहसीलदार के हस्ताक्षर भी हैं।
पूरा मामला सतना जिले की कोठी तहसील का है। नयागांव के रामस्वरूप पिता श्यामलाल के नाम पर 22 जुलाई 2025 को जारी इस आय प्रमाण पत्र में उनकी और उनके पूरे परिवार की सालाना आमदनी तीन रुपये दर्शाई गई है।
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इस प्रमाण पत्र पर तहसीलदार सौरभ द्विवेदी के हस्ताक्षर भी हैं। यह किसी शरारत का हिस्सा नहीं, बल्कि प्रशासन की बड़ी अनदेखी का प्रमाण है। जैसे ही यह दस्तावेज सोशल मीडिया पर पहुंचा, लोगों ने व्यवस्था की इस गंभीर चूक पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। हर कोई सोचने पर मजबूर है कि आखिर कोई इतना गरीब कैसे हो सकता है और प्रशासन किस आधार पर ऐसे प्रमाण पत्र तैयार करता है।
जब हुई फजीहत, तब सुधरी ‘गलती’!
प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठने के बाद, कोठी तहसीलदार सौरभ द्विवेदी से इस मसले पर बात की गई। उन्होंने बताया कि यह “लिपिकीय त्रुटि” थी। जैसे ही मामला सामने आया, पुराना प्रमाण पत्र तुरंत निरस्त कर दिया गया है और नया प्रमाण पत्र जारी किया गया है। नए सर्टिफिकेट में रामस्वरूप की वास्तविक सालाना आय ₹30,000 दर्शाई गई है।