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सुकमा बन रहा झींगा पालन का नया हब: ग्रामीणों की आय में होगी बंपर बढ़ोतरी!


रायपुर, 14 जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ का सुकमा जिला, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए जाना जाता है, अब कृषि के क्षेत्र में एक नई इबारत लिखने को तैयार है! पारंपरिक खेती से आगे बढ़ते हुए, सुकमा के किसान अब झींगा पालन को अपनाकर आत्मनिर्भरता की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रहे हैं. यह सिर्फ मछली पालन का विस्तार नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने वाली एक बड़ी क्रांति है!


40 तालाबों में झींगा पालन की तैयारी: बदल जाएगी ग्रामीणों की तकदीर
सुकमा के कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों की मदद से, किसानों को झींगा पालन  तकनीक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. कलेक्टर के मार्गदर्शन में, एकीकृत कृषि प्रणाली को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी कड़ी में, कृषि विज्ञान केंद्र के मछली पालन विशेषज्ञ डॉ. संजय सिंह राठौर और मत्स्य विभाग के अधिकारी श्री डी.एल. कश्यप की टीम ने सुकमा विकासखंड की पाँच ग्राम पंचायतों – भेलवापाल, झापरा, गोंगला, मूर्तोंडा और गादीरास – के तहत आने वाले 40 तालाबों का गहन निरीक्षण किया है. यह सभी तालाब झींगा पालन के लिए पूरी तरह उपयुक्त पाए गए हैं!


बहुत जल्द, कृषि विज्ञान केंद्र की मत्स्य इकाई और जिला मत्स्य विभाग के समन्वय से इन तालाबों में झींगा पालन की औपचारिक शुरुआत कर दी जाएगी. यह पहल न केवल जिले में मत्स्य उत्पादन को कई गुना बढ़ाएगी, बल्कि सैकड़ों ग्रामीण परिवारों के लिए आजीविका का एक नया और समृद्ध स्रोत भी बनेगी


झींगा: सिर्फ स्वाद ही नहीं, सेहत और समृद्धि का खजाना!
क्या आप जानते हैं, झींगा सिर्फ खाने में स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि पोषण का पावरहाउस भी है? यह मीठे पानी का एक अद्भुत जलीय जीव है, जो अपने आहार में सूक्ष्म जीवों और जैविक अवशेषों का सेवन करता है. झींगा प्रोटीन और आवश्यक वसा का बेहतरीन स्रोत है. इसके नियमित सेवन से बच्चों में मस्तिष्क का तेज़ विकास होता है, साथ ही यह हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और कुपोषण को दूर करने में भी बेहद लाभकारी सिद्ध होता है


किसानों के लिए मुनाफे का सौदा: आत्म-निर्भरता की ओर बड़ा कदम
झींगा पालन किसानों के लिए पारंपरिक फसलों की तुलना में तेज़ और अधिक आमदनी का वादा करता है. यह न केवल सीधा आर्थिक लाभ देगा, बल्कि स्वरोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा, जिससे युवा पीढ़ी भी खेती और ग्रामीण विकास से जुड़ने के लिए प्रेरित होगी.
सुकमा जिला प्रशासन, कृषि विज्ञान केंद्र और मत्स्य विभाग के इस संयुक्त प्रयास से, सुकमा अब झींगा पालन के क्षेत्र में राज्य का अग्रणी जिला बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. यह योजना सुकमा जिले में ग्रामीण आजीविका को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगी!

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