
बिलासपुर, 15 जुलाई 2025: बिलासपुर पुलिस अब तकनीक का भरपूर इस्तेमाल कर रही है ताकि अपराधों पर तेजी से लगाम लगाई जा सके और न्यायिक प्रक्रिया में बेवजह की देरी न हो। आज, मंगलवार 15 जुलाई 2025 को, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर, श्री रजनेश सिंह (आईपीएस) ने सिविल लाइन थाने का अचानक निरीक्षण किया और कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए, जिनसे पुलिसिंग और भी स्मार्ट होगी।
निरीक्षण के दौरान, एसपी रजनेश सिंह के साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर व ग्रामीण), नगर पुलिस अधीक्षक (सिविल लाइन) और थाना प्रभारी सहित अन्य स्टाफ मौजूद था।
‘ई-साक्ष्य ऐप’ से अब हर जब्ती होगी डिजिटल!
एसपी रजनेश सिंह ने सभी जांच अधिकारियों (विवेचकों) को कड़े निर्देश दिए हैं कि वे किसी भी तरह की जब्ती कार्रवाई के दौरान ‘ई-साक्ष्य ऐप’ का इस्तेमाल अनिवार्य रूप से करें। उन्होंने खुद जांच अधिकारियों के मोबाइल से पहले अपलोड किए गए वीडियो और अन्य डेटा की भी जांच की। इस पहल का मकसद पारदर्शिता बढ़ाना और सबूतों को और मजबूत बनाना है। थाना प्रभारी सिविल लाइन को अब हर दिन इस निर्देश पर निगरानी रखनी होगी।
‘ई-समन’ की तामील में नहीं चलेगी देरी!
न्यायालयीन कार्यवाही में तेजी लाने के लिए एसपी रजनेश सिंह ने थाना प्रभारी (सिविल लाइन) को N-STEP पोर्टल के माध्यम से मिलने वाले ‘ई-समन’ की तामील समय पर और पूरी तरह से सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने साफ किया कि थाना प्रभारी को नियमित रूप से कोर्ट से मिलने वाले ई-समन की तामील करवानी होगी, ताकि किसी भी मामले में बेवजह की देरी न हो।
BNS एक्ट के तहत अब और तेजी से पेश होंगे चालान!
अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए, एसपी रजनेश सिंह ने BNS एक्ट के तहत दर्ज अपराधों में त्वरित चालान पेश करने के लिए भी दिशानिर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन मामलों में 10 साल तक की सजा का प्रावधान है, उनकी जांच 60 दिन के भीतर पूरी कर चालान कोर्ट में पेश किया जाए, और जिन मामलों में 10 साल से अधिक की सजा का प्रावधान है, उनमें 90 दिन के भीतर चालान कोर्ट में प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
निरीक्षण के दौरान, एसपी ने थाने में शिकायत लेकर आए फरियादियों की समस्याओं को भी ध्यान से सुना और संबंधित अधिकारी को उनकी शिकायतों का तुरंत और संतोषजनक निवारण करने के निर्देश दिए।