
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने रायपुर में सतनामी समाज के नवनिर्वाचित प्रदेश पदाधिकारियों के शपथग्रहण समारोह में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने कुतुब मीनार से भी ऊंचे जैतखाम को सतनामी समाज का गौरव बताया और कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी के आशीर्वाद से छत्तीसगढ़ को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाने का संकल्प पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर समाज के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं।
शिक्षा समाज के विकास का मूलमंत्र: मुख्यमंत्री श्री साय
मेडिकल कॉलेज स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा समाज के विकास का मूलमंत्र है। उन्होंने सतनामी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए मिलकर काम करने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में गिरौदपुरी धाम में निर्मित जैतखाम की सराहना की, जिसकी ऊंचाई कुतुब मीनार से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल समाज का गौरव बढ़ा है, बल्कि सतनामी समाज को वैश्विक पहचान भी मिली है।
समाज के विकास के लिए कई सौगातें
मुख्यमंत्री श्री साय ने सतनामी समाज के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं:
- रायपुर में बहुद्देशीय सतनामी समाज भवन के निर्माण के लिए 1 करोड़ रुपये की घोषणा।
- गिरौदपुरी स्थित मड़वा महल के अधूरे कार्यों को पूरा करने हेतु 50 लाख रुपये की मंजूरी।
- समारोह में सम्मानित हुए कक्षा 10वीं और 12वीं के प्रतिभावान विद्यार्थियों को 5-5 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा।
समरसता और प्रगति की ओर सतनामी समाज
विधानसभा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई देते हुए प्रतिबद्धता, निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करने का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि यह समाज की विश्वसनीयता बढ़ाता है और समरसता के साथ प्रगति की ओर ले जाता है। डॉ. सिंह ने गिरौदपुरी धाम में नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री एल.एल. कोसले के नेतृत्व में बनने वाली भव्य धर्मशाला की पहल की भी सराहना की।
डॉ. रमन सिंह ने अपने 40 वर्षों के सार्वजनिक जीवन में बाबा गुरु घासीदास जी के आशीर्वाद को स्वीकार किया। उन्होंने “मनखे-मनखे एक बराबर” के संदेश, श्वेत ध्वजा और पंथी नृत्य को छत्तीसगढ़ में शांति और समरसता का प्रतीक बताया।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने सामाजिक एकता और शिक्षा को समाज की उन्नति के दो महत्वपूर्ण आधार बताया। उन्होंने बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने और प्रतिवर्ष प्रतिभावान विद्यार्थियों को सम्मानित करने का आह्वान किया।
खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल ने पदाधिकारियों से समाज को सशक्त बनाने की जिम्मेदारी पर जोर दिया। उन्होंने शिक्षा, उद्योग, व्यापार और स्वरोजगार के क्षेत्रों में समाज को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। मंत्री बघेल ने गिरौदपुरी धाम में ‘गुरु दर्शन’ के उपरांत एक राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन की भी जानकारी दी।
इस अवसर पर सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े, विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले, गुरु खुशवंत साहेब, और प्रगतिशील सतनामी समाज के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष श्री एल.एल. कोसले ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
समारोह में विधायकगण, विभिन्न राज्यों से आए सतनामी समाज के आध्यात्मिक गुरु और पदाधिकारी, तथा प्रदेश के साहू समाज, यादव समाज, कुर्मी समाज, सर्व आदिवासी समाज सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
