
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज रायपुर में आयोजित अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ (चतुः संप्रदाय), मुंबई की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में शामिल होकर वैष्णव ब्राह्मण समाज के समृद्ध इतिहास और छत्तीसगढ़ के विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह समाज, जिसे अक्सर वैष्णव, दास ,बैरागी सरनेम से भी जाना जाता है, ने सनातन धर्म को सशक्त बनाने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है और छत्तीसगढ़ के लिए दानशीलता की अद्भुत मिसालें पेश की हैं।
प्रभु श्रीराम के ननिहाल में राष्ट्रीय अधिवेशन
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रभु श्रीराम के ननिहाल और माता कौशल्या की पावन भूमि छत्तीसगढ़ में वैष्णव ब्राह्मण समाज का यह राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित हो रहा है। उन्होंने समाज की विभूतियों द्वारा स्थापित दानशीलता की परंपरा को रेखांकित करते हुए कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में वैष्णव ब्राह्मण समाज का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले समाज के प्रतिभावान व्यक्तियों को सम्मानित भी किया।
शासन-प्रशासन और दानशीलता की महान परंपरा
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि वैष्णव ब्राह्मण समाज केवल पुरोहित कर्म तक ही सीमित नहीं रहा है, बल्कि शासन-प्रशासन में भी सक्रिय भूमिका निभाई है। उन्होंने राजनांदगांव की वैष्णव ब्राह्मण रियासत का उदाहरण देते हुए बताया कि इस समाज ने दानशीलता की महान परंपरा का परिचय देते हुए कभी राजपाट तक दान कर दिए थे।
विकसित छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ते कदम
श्री साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटियों का जिक्र करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने डेढ़ वर्ष के भीतर अधिकांश गारंटियों को पूरा किया है। उन्होंने ‘रामलला दर्शन योजना’ के तहत 22 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के अयोध्या दर्शन का उल्लेख किया और ‘मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना’ को पुनः प्रारंभ करने की जानकारी दी, जिससे 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक तीर्थ स्थलों का दर्शन कर सकेंगे। दिव्यांगजन, विधवाएं और परित्यक्ताएं इस योजना में अधिकतम आयु सीमा से मुक्त रहेंगी। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को दोहराते हुए विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में वैष्णव ब्राह्मण समाज की सक्रिय भागीदारी की आशा व्यक्त की।
राजनांदगांव के राजपरिवार का अतुलनीय योगदान: डॉ. रमन सिंह
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने संबोधन में वैष्णव ब्राह्मण समाज को एक दूरदर्शी और कल्पनाशील समाज बताया। उन्होंने राजनांदगांव से अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने इस समाज के ऐतिहासिक योगदान को करीब से देखा है। उन्होंने विशेष रूप से राजनांदगांव के राजपरिवार द्वारा उच्च शिक्षा, रेलवे, उद्योग और पेयजल व्यवस्था के विकास में दिए गए अभूतपूर्व योगदान का जिक्र किया। डॉ. सिंह ने बताया कि महंत दिग्विजय दास जी ने महाविद्यालय के लिए अपना महल, रेलवे के लिए विशाल भूमि दान की और बीएनसी कॉटन मिल की स्थापना कर हजारों लोगों को रोजगार प्रदान किया। महंत घासीदास जी ने व्यापार को बढ़ावा देने के लिए निःशुल्क भूमि देने की भी घोषणा की थी।
सनातन धर्म का ध्वजवाहक: उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव
उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने वैष्णव ब्राह्मण समाज को सनातन धर्म का ध्वजवाहक बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के आयोजन से समाज और अधिक एकजुट होकर आगे बढ़ेगा।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पी. एल. बैरागी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री लाल जे. के. वैष्णव, प्रदेश अध्यक्ष श्री राकेश दास वैष्णव, श्री विजय कुमार दास, श्री राघवेंद्र दास वैष्णव, डॉ. सौरभ निर्वाणी, श्रीमती अंजना देवी वैष्णव, श्री मोरध्वज वैष्णव श्री रजनीश वैष्णव सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे।