जशपुर में सख़्ती, 10 से अधिक कर्मचारी वाले दुकानदारों को 14 अगस्त तक करना होगा अनिवार्य पंजीकरण।

छत्तीसगढ़ में व्यापार करना है तो कुछ नए नियम और जिम्मेदारियां भी आ गई हैं। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना (नियोजन एवं सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 और इसके तहत बने नियम 2021 को लागू कर दिया है। फरवरी 2025 से यह नया कानून दशकों पुराने नियमों की जगह प्रभावशील हो गया है जिसका सीधा असर छोटे से लेकर बड़े सभी व्यापारियों पर पड़ेगा।
क्यों बदला यह कानून?
पुराना अधिनियम, 1958, काफी पुराना हो चुका था और मौजूदा व्यावसायिक परिवेश के अनुकूल नहीं था। इसमें कई ऐसी जटिलताएं थीं जो छोटे दुकानदारों और नए उद्यमियों के लिए मुश्किलें खड़ी करती थीं। नए अधिनियम का मुख्य लक्ष्य व्यापार को बढ़ावा देना, नियमों को सरल बनाना और कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्य-वातावरण सुनिश्चित करना है।
अब 10 कर्मचारी हैं तो ही ‘झंझट’?
यह सबसे बड़ा बदलाव है! अब यह अधिनियम केवल उन्हीं दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर लागू होगा, जहाँ 10 या उससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं। इसका मतलब है कि छोटे व्यवसायी, जिनके पास 9 या उससे कम कर्मचारी हैं, उन्हें इस अधिनियम के तहत पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं होगी। यह उन लाखों छोटे दुकानदारों के लिए एक बड़ी राहत है, जिन्हें पहले बेवजह के कानूनी दायरे में आना पड़ता था।
पंजीकरण अब अनिवार्य और ऑनलाइन
यदि आपके पास 10 या अधिक कर्मचारी हैं, तो सावधान! आपको इस नए अधिनियम के तहत 6 महीने के भीतर श्रम विभाग के वेब पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। पहले से पंजीकृत प्रतिष्ठानों को भी अपनी श्रम पहचान संख्या (LIN) प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यह पूरी प्रक्रिया अब ऑनलाइन होगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
खास बात: यदि आप पहले से ही ESIC (कर्मचारी राज्य बीमा) या EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि) के तहत पंजीकृत हैं, तो आपको इस अधिनियम के तहत भी पंजीकृत माना जाएगा, बस LIN के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
24×7 दुकान खोलिए, लेकिन कर्मचारियों का ख्याल रखिए!
यह उन व्यापारियों के लिए खुशखबरी है जो ग्राहकों को कभी भी सेवा देना चाहते हैं। नया अधिनियम दुकानों को 24 घंटे और सप्ताह के सातों दिन खुले रखने की अनुमति देता है। लेकिन, इसमें एक शर्त है – आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि हर कर्मचारी को लगातार 24 घंटे का साप्ताहिक अवकाश मिले। साथ ही, किसी भी कर्मचारी से प्रतिदिन आठ घंटे से अधिक काम नहीं कराया जा सकेगा। यह लचीलापन व्यापार को बढ़ाएगा और ग्राहकों को बेहतर सुविधा देगा।
महिला कर्मचारियों के लिए नई सुविधाएँ और सुरक्षा-
यह अधिनियम महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक कदम है। अब महिलाएं रात की पाली में भी काम कर सकेंगी, बशर्ते नियोक्ता उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें। इसके अलावा, जिन प्रतिष्ठानों में 30 या उससे अधिक महिला कर्मचारी या कुल 50 से अधिक कर्मचारी हैं, उन्हें क्रेच (झूलाघर) सुविधा प्रदान करनी होगी। यह कामकाजी माताओं के लिए एक बड़ी राहत है।
डिजिटल होंगे रिकॉर्ड, बढ़ेगा जुर्माना!
नया अधिनियम नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों के सभी अभिलेख/पंजी इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखने का निर्देश देता है। साथ ही, हर साल 15 फरवरी तक वार्षिक विवरणी (Annual Return) ऑनलाइन अपलोड करनी होगी।
नियम तोड़ने पर जुर्माना काफी बढ़ा दिया गया है। पंजीकरण न कराने या रिकॉर्ड न रखने पर 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है, वहीं दुर्घटना होने पर 5 लाख रुपये तक और 6 महीने तक की कैद भी हो सकती है। हालांकि, छोटे-मोटे उल्लंघनों के लिए अपराधों के प्रशमन (Compounding of Offenses) का प्रावधान भी है, जिससे न्यायालय की लंबी कार्यवाही से बचा जा सकता है। छत्तीसगढ़ में यह नियम फरवरी 2025 से लागू हो गया है। परंतु कडाई अब बरती जा रही है
छत्तीसगढ़ का यह नया दुकान एवं स्थापना अधिनियम व्यापार को आधुनिक बनाने और कर्मचारियों के अधिकारों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह व्यापार करने की आसानी को बढ़ाएगा, लेकिन साथ ही व्यापारियों को नियमों का पालन करने में अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता होगी। यदि आप एक व्यवसायी हैं, तो इन नए प्रावधानों को समझना और उनका पालन करना आपके लिए बेहद ज़रूरी है।