चिलचिलाती गर्मी में जब बिजली बिल का मीटर तेजी से भागता है, तब राहत की खबर मिलना किसी चमत्कार से कम नहीं। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना ने ऐसी ही एक उम्मीद की किरण जगाई है, जहां अब उपभोक्ताओं को हजारों का बिजली बिल भरने की बजाय, उनके बिल “माइनस” में आ रहे हैं! यानी, बिजली कंपनी को पैसे देने की बजाय, अब उनके खाते में पैसे जमा हो रहे हैं।

रायगढ 1जुलाई.
यह कमाल कर दिखाया है रायगढ़ के कोड़ातराई निवासी श्री सतीश कुमार चौधरी ने। जहां अप्रैल और मई की गर्मी में उनका बिजली बिल आमतौर पर ₹2430 और ₹3220 आता था, वहीं इस साल पीएम सूर्यघर योजना के तहत 3 किलोवाट का सोलर प्लांट लगाने के बाद उनका अप्रैल 2025 का बिल माइनस ₹921 और मई का बिल माइनस ₹1077 रहा! इसका सीधा सा मतलब है कि उनके घर में जितनी बिजली की खपत हुई, उससे कहीं ज़्यादा बिजली उनके सोलर पैनल ने पैदा की, और बची हुई बिजली उन्होंने ग्रिड को बेच दी। इस अतिरिक्त बिजली का मूल्य उनके बिल से घटा दिया गया है, जिसे वे भविष्य में इस्तेमाल कर सकेंगे।
श्री चौधरी ने इस योजना को “किफायती बिजली का सबसे कारगर उपाय” बताते हुए अन्य लोगों से भी इसका लाभ उठाने की अपील की है।
पीएम सूर्यघर योजना: ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम
यह योजना सिर्फ बिजली के खर्च से मुक्ति नहीं दिला रही, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और नए रोज़गार के अवसर भी पैदा कर रही है।
सब्सिडी का लाभ और नेट मीटरिंग का जादू
इस योजना के तहत 1 से 3 किलोवाट तक के रूफटॉप सोलर संयंत्रों पर केंद्र और राज्य सरकार से अधिकतम ₹1.08 लाख तक की सब्सिडी मिल रही है, जिससे सोलर पैनल लगवाना अब आम लोगों के लिए आसान और सस्ता हो गया है। इन सोलर सिस्टम को नेट मीटरिंग प्रणाली के ज़रिए विद्युत ग्रिड से जोड़ा जाता है। जब उपभोक्ता अपनी ज़रूरत से ज़्यादा बिजली पैदा करते हैं, तो अतिरिक्त ऊर्जा ग्रिड को भेज दी जाती है। इसके बदले, बिजली की इकाइयों का मूल्य उनके बिल से घटा दिया जाता है या भविष्य में उपयोग के लिए जमा हो जाता है।
छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में, यह योजना हजारों परिवारों को बिजली के बढ़ते खर्च से राहत दे रही है और उन्हें पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा विकल्प अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है। यह वास्तव में एक ऊर्जा क्रांति है, जहां उपभोक्ता अब सिर्फ ग्राहक नहीं, बल्कि ऊर्जा उत्पादन में भागीदार भी बन रहे हैं।
क्या आप भी इस योजना का लाभ उठाकर अपने बिजली बिल को “माइनस” में लाना चाहेंगे?