छत्तीसगढ़ बिग ब्रेकिंग: विधायकों पर कानून का शिकंजा – एक पर FIR, दूसरे की गिरफ्तारी और जमानत से प्रदेश में हड़कंप!
जांजगीर-चांपा, 1 जुलाई, 2025 | छत्तीसगढ़ की सियासत में भूचाल आ गया है! जब जनता के नुमाइंदे ही कानून तोड़ने लगें, तब लोकतंत्र पर सवाल उठना लाज़मी है। जांजगीर-चांपा जिले से आई दो बड़ी खबरों ने प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है, जहाँ दो विधायकों पर गंभीर आरोप लगे हैं, एक पर FIR दर्ज हुई है तो दूसरे को गिरफ्तार कर जमानत पर रिहा किया गया है।
विधायक व्यास कश्यप पर FIR: सड़कें खराब, तो क्या बच्चों को बनाओगे ढाल?
सोमवार, 30 जून 2025 को, खोखसा ओवरब्रिज पर सुबह 11 बजे का वक्त था। खराब सड़कों, खासकर जर्वे (छोटा) से पिथमपुर तक के मार्ग की खस्ताहाली से नाराज़ विधायक व्यास नारायण कश्यप सहित 12 अन्य जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने मिलकर उग्र चक्काजाम कर दिया। इस प्रदर्शन से राहगीरों की आवाजाही ठप हो गई, लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि स्कूली बच्चों को भी जानबूझकर इस चक्काजाम में शामिल किया गया।

पुलिस ने इसे बाल संरक्षण अधिनियम का सीधा उल्लंघन मानते हुए, थाना जांजगीर में FIR दर्ज कर ली है। भारतीय न्याय संहिता के तहत लोक मार्ग बाधित करने और बाल अधिकारों के उल्लंघन जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। इस मामले में विधायक व्यास नारायण कश्यप के साथ सरपंच उत्तरा कश्यप, उपसरपंच योगेश कश्यप, जिला पंचायत सदस्य उमा राठौर समेत कुल 12 लोगों के नाम शामिल हैं। सवाल उठ रहा है कि क्या अपनी बात मनवाने के लिए बच्चों को ढाल बनाना जायज है?
दूसरी बड़ी कार्रवाई: विधायक बालेश्वर साहू गिरफ्तार, फिर जमानत पर रिहा – ‘AC’ ने कराया बवाल!
दूसरी ओर, चांपा थाना क्षेत्र से एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। जैजैपुर के विधायक बालेश्वर साहू को शारीरिक हिंसा, गाली-गलौज और धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया! हालांकि, मामला जमानतीय होने के कारण उन्हें तत्काल मुचलके पर रिहा भी कर दिया गया।
पूरा विवाद एक अदने से AC के आउटर यूनिट को लेकर शुरू हुआ। शिकायतकर्ता चंद्रशेखर राठौर का आरोप है कि विधायक ने उनके मकान की दीवार पर जबरन अपना AC आउटर लगा दिया। जब 10 जून को चंद्रशेखर के जीजा हेमंत राठौर (जो एक ठेकेदार हैं) ने मजदूरों से यूनिट हटाने को कहा, तो विधायक आगबबूला हो गए। आरोप है कि विधायक ने गाली-गलौज की, मोबाइल छीनकर रिकॉर्डिंग डिलीट की, और फिर हेमंत राठौर को 6-7 थप्पड़ मारे व जान से मारने की धमकी भी दी।
थाना चांपा में अपराध क्रमांक 248/25 के तहत भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया। विवेचना में आरोप सिद्ध पाए जाने पर 29 जून को विधायक को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इस गिरफ्तारी की सूचना माननीय विधानसभा अध्यक्ष को भी भेज दी है।

जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर सवाल: क्या कानून से ऊपर हैं विधायक?
इन दोनों ही घटनाओं ने छत्तीसगढ़ के जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब जनता की समस्याओं को लोकतांत्रिक तरीके से उठाने की उम्मीद की जाती है, तब एक विधायक बच्चों को अपने प्रदर्शन की ढाल बना रहे हैं, वहीं दूसरे विधायक पर व्यक्तिगत विवाद में मारपीट और धमकी देने जैसे गंभीर आरोप लग रहे हैं। क्या हमारे चुने हुए प्रतिनिधि खुद को कानून से ऊपर समझने लगे हैं? यह घटनाक्रम प्रदेश की राजनीति में नैतिकता और जवाबदेही की नई बहस छेड़ गया है।