छत्तीसगढ़ की धरती, जहां सदियों से मातृत्व और नारीत्व को पूजा गया है, आज एक नई सामाजिक क्रांति का गवाह बन रही है – महतारी वंदन योजना के रूप में। यह सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि नारी गरिमा, आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता का एक जीवंत उत्सव बन गई है, जिसने राज्य की लाखों महिलाओं को सम्मानजनक जीवन की राह दिखाई है।शासन की प्रतिबद्धता, संवेदनशीलता और समर्पण ने इसे हर घर तक पहुँचाया है।

आंकड़ों से परे, सपनों की उड़ान
मार्च 2024 से जुलाई 2025 तक, कुल 17 किश्तों में लगभग 70 लाख महिलाओं के बैंक खातों में ₹11,008 करोड़ की राशि सीधे हस्तांतरित की गई है। यह सिर्फ एक आर्थिक मदद नहीं, बल्कि उन सपनों की पूंजी है जिन्हें अब तक विपरीत परिस्थितियों ने दबा रखा था। इस योजना से महिलाओं को जो आत्मबल मिला है, उसने उनके जीवन को नए आयाम दिए हैं।

आर्थिक स्वावलंबन: आत्मनिर्भरता की राह
आज छत्तीसगढ़ की महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हैं। इस योजना के तहत मिली राशि से किसी ने अपना छोटा व्यवसाय शुरू किया है, तो किसी ने अपने बच्चों की शिक्षा और घरेलू जरूरतों को आसानी से पूरा किया है। यह आर्थिक संबल महिलाओं को आत्मविश्वास, सामाजिक पहचान और सम्मान प्रदान कर रहा है। वे अब केवल पारंपरिक भूमिकाओं में सीमित नहीं हैं, बल्कि परिवार की आर्थिक रीढ़ और समाज की निर्णायक शक्ति बनती जा रही हैं।

हर गाँव की नारी, अब प्रेरणा की अधिकारी
इस योजना की वास्तविक सफलता उन कहानियों में है, जो अब गाँव-गाँव में प्रेरणा का स्रोत बन रही हैं:
- श्रीमती कंचन, जो मुंगेली के ग्राम गीधा की निवासी हैं, ने महतारी वंदन योजना से मिले पैसों से अपने गुपचुप ठेले के व्यवसाय को बढ़ाया और अब घर की जिम्मेदारियों को सहजता से निभा रही हैं।
- कुरूद गाँव की निवासी श्रीमती श्यामा बाई, जो कंडरा जनजाति से आती हैं, अब अपने बांस शिल्प के पारंपरिक व्यवसाय से आजीविका चलाती हैं। योजना की सहायता से उन्होंने अपने व्यवसाय को बढ़ाकर ₹8,000 मासिक आय अर्जित करना शुरू कर दिया है।
- मोहला-मानपुर की ग्राम दिघवाड़ी निवासी श्रीमती गीता यादव कहती हैं कि सालाना मिलने वाले ₹12,000 उनकी कई जरूरतों को पूरा करने में मददगार होंगे, जैसे रोजमर्रा के खर्च, बच्चों की दवाइयाँ और पढ़ाई का सामान।
- ग्राम हथरा निवासी श्रीमती कांति बाई ने बताया कि महतारी वंदन योजना से मिली राशि से वह अपनी और घर की जरूरतें पूरी कर सकेंगी। अब उन्हें छोटी-मोटी चीजों के लिए बार-बार पति से कहने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस योजना को महिलाओं को सिर्फ सहायता नहीं, बल्कि समाज में भागीदारी का अधिकार देने वाला प्रयास बताया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े की संवेदनशील सोच और जमीनी सक्रियता ने इस योजना को नीतिगत घोषणा से निकालकर समाज की धड़कन बना दिया है।
एक नई सुबह की दस्तक
आज जब हम छत्तीसगढ़ की गलियों और घरों में झांकते हैं, तो वहाँ हमें आंकड़ों से परे एक गहरा विश्वास, आत्मबल और आशा की कहानी दिखाई देती है। महतारी वंदन योजना अब केवल सरकार की उपलब्धि नहीं, बल्कि समाज की मुस्कान बन गई है। छत्तीसगढ़ की हर माँ-बेटी की आवाज़ में अब यह आत्मविश्वास झलकता है:
“अब हर महतारी सशक्त है, अब हर बेटी समर्थ है।”