अजब-गजबन्यायालय

लाइव कोर्ट, लाइव बाथरूम: गुजरात हाईकोर्ट की वर्चुअल सुनवाई में अजब-गजब नजारा!


हाल ही में गुजरात हाईकोर्ट में एक ऐसा वाकया हुआ जिसने सबको हंसने पर मजबूर कर दिया और “वर्चुअल कोर्टरूम एटीकेट्स” पर सवाल खड़े कर दिए। एक सज्जन, जो एक कानूनी मामले में शिकायतकर्ता थे, अदालत की लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीधे टॉयलेट सीट पर बैठकर ही जुड़ गए! जी हां, आपने सही पढ़ा।
वीडियो फुटेज में साफ दिखा कि “समद बैटरी” नाम के यह शख्स ब्लूटूथ ईयरफोन लगाए हुए थे और अपनी दैनिक क्रिया में लीन थे, जबकि न्यायमूर्ति निरजर एस देसाई की अदालत में चेक बाउंस से जुड़े एक मामले की सुनवाई चल रही थी।

यह घटना 20 जून को हुई और देखते ही देखते वायरल हो गई, सोशल मीडिया पर मीम्स और चुटकुलों की बाढ़ आ गई।
ये कोई पहली बार नहीं, जनाब!
हैरानी की बात यह है कि यह अपनी तरह का कोई अकेला मामला नहीं है। वर्चुअल कोर्ट की दुनिया में ऐसे “अजीबोगरीब दर्शन” पहले भी हुए हैं:

  • अप्रैल में, गुजरात हाईकोर्ट ने एक धूम्रपान करने वाले वादी पर ₹50,000 का जुर्माना ठोका था जो वर्चुअल सुनवाई के दौरान सिगरेट के कश लगा रहा था।
  • मार्च में, दिल्ली की एक अदालत में भी ऐसी ही घटना हुई, जहां एक शख्स सिगरेट पीते हुए दिखा।
  • इसी साल मार्च में, गुजरात हाईकोर्ट ने एक और महाशय पर ₹2 लाख का जुर्माना लगाया और उन्हें दो हफ्ते तक हाईकोर्ट के बगीचे की सफाई का जिम्मा सौंपा, क्योंकि उन्होंने भी शौचालय से ही कार्यवाही में हिस्सा लिया था!
  • फरवरी में, एक और “बिस्तर-प्रेमी” पर ₹25,000 का जुर्माना लगा क्योंकि वह रजाई में लेटे-लेटे ही अदालत में पेश हो गए थे।

वर्चुअल कोर्ट, वास्तविक अनुशासन!
ये घटनाएं एक गंभीर सवाल खड़ा करती हैं: क्या हम वर्चुअल दुनिया में शिष्टाचार और गंभीरता भूल गए हैं? न्यायपालिका बार-बार दोहराती है कि ऑनलाइन सुनवाई को भी उतनी ही गंभीरता और सम्मान के साथ लिया जाना चाहिए जितनी कि शारीरिक उपस्थिति वाली सुनवाई को। खैर, अगली बार जब आप किसी वर्चुअल मीटिंग में हों, तो बस यह सुनिश्चित कर लें कि आपकी पृष्ठभूमि में कुछ भी “अजीब” न हो!

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