सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि रासायनिक खादों की कालाबाजारी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे कृत्यों में संलिप्त पाए जाने वाले किसी भी अधिकारी-कर्मचारी या केंद्र संचालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंत्री श्री कश्यप ने आज नवा रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में सहकारिता और उर्वरक कंपनियों के अधिकारियों की बैठक में किसानों को खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के संबंध में समीक्षा करते हुए यह बात कही।

डीएपी की कमी: वैकल्पिक खादों पर करें फोकस
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डीएपी खाद की कमी के मद्देनजर, मंत्री श्री कश्यप ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे किसानों को डीएपी के वैकल्पिक खादों के प्रति जागरूक करें। उन्होंने जोर दिया कि जो भी वैकल्पिक खाद उपलब्ध है, उसे किसानों तक पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को हर संभव सहूलियत प्रदान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। बैठक में उर्वरक कंपनियों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
नैनो यूरिया के लिए
सहकारिता मंत्री ने अधिकारियों को प्रदेश की 2058 सहकारी समितियों में पर्याप्त मात्रा में रासायनिक खाद का भण्डारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों की मांग के अनुरूप खाद की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के छिड़काव के प्रति भी किसानों को जागरूक करने पर जोर दिया।
खाद की वर्तमान स्थिति और आपूर्ति के प्रयास
सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि डीएपी खाद की आपूर्ति के लिए कंपनी प्रतिनिधियों से लगातार समन्वय किया जा रहा है और आने वाले समय में डीएपी खाद की सप्लाई की संभावना है। खरीफ विपणन वर्ष 2025 के लिए 10.73 लाख मीट्रिक टन रासायनिक खाद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके विरुद्ध अब तक 5.85 लाख मीट्रिक टन का भण्डारण किया जा चुका है और 4.37 लाख मीट्रिक टन खाद किसानों को वितरित की जा चुकी है। वर्तमान में समितियों में 1.18 लाख मीट्रिक टन खाद उपलब्ध है।
बैठक में अपेक्स बैंक के चेयरमेन श्री केदारनाथ गुप्ता, आयुक्त सहकारिता व पंजीयक सहकारी संस्थाएं श्री कुलदीप शर्मा, मार्कफेड की एमडी श्रीमती किरण कौशल, संचालक कृषि श्री राहुल देव, अपेक्स बैंक के एमडी श्री के.एन. काण्डे सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और खाद कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।