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बिलासपुर में सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए ‘कैशलेस उपचार योजना ‘ हुई लागू, डेढ़ लाख तक का मिलेगा मुफ्त इलाज



सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों को अब बिलासपुर में त्वरित और नगदी रहित उपचार मिल सकेगा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह के दिशानिर्देश पर यातायात पुलिस बिलासपुर ने “सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों का नगदी रहित उपचार योजना 2025” (कैशलेस उपचार योजना) को सफलतापूर्वक लागू कर दिया है। इस योजना के तहत, दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को सात दिनों के भीतर 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस उपचार मिल सकेगा।

जनहित में इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, ताकि आम नागरिकों को इसके लाभ की जानकारी हो और गोल्डन ऑवर में मरीज को सही इलाज मिल सके। – श्री रामगोपाल करियारे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, यातायात।

प्रतीकात्मक चित्र

यातायात पुलिस बिलासपुर ने इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिले में नामांकित 24 अस्पतालों के प्रबंधकों और चिकित्सकों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात रामगोपाल करियारे के नेतृत्व में हुई इस बैठक में पीड़ितों को त्वरित उपचार सुनिश्चित करने की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की गई।
योजना के मुख्य बिंदु:

  • पात्रता: सड़क दुर्घटना में घायल पीड़ित को 24 घंटे के भीतर योजना में नामित अस्पताल में भर्ती होना अनिवार्य है।
  • उपचार सीमा: योजना के तहत अधिकतम सात दिनों के लिए 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस उपचार प्रदान किया जाएगा।
  • प्रक्रिया का सरलीकरण: दुर्घटना के बाद अस्पताल में भर्ती, उपचार, डिस्चार्ज और उपचार राशि के क्लेम की पूरी प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।
  • गोल्डन टाइम पर जोर: यातायात पुलिस बिलासपुर लोगों को “स्वर्णिम समय (गोल्डन टाइम)” के भीतर घायल व्यक्ति के समुचित उपचार के महत्व के बारे में जागरूक कर रही है, ताकि गंभीर चोटों से होने वाली जानलेवा स्थितियों को रोका जा सके।

पुलिस द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि दुर्घटना की सूचना मिलने पर 112, 108 या निजी वाहन से पीड़ित को अस्पताल पहुंचाया जा सकता है। अस्पताल में मरीज का टीएमएस (ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम) के तहत एडमिशन और आई-रेड (iRAD) में रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। पुलिस द्वारा आई-रेड में एक्सीडेंट आईडी जनरेट होने के 24 घंटे के भीतर इसे टीएमएस से लिंक करना होगा, जिसके बाद पीड़ित कैशलेस उपचार का पात्र हो जाएगा।

यदि सात दिनों में मरीज की स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो उसे आयुष्मान या अन्य योजनाओं के तहत आगे का उपचार मिल सकेगा, या उच्च चिकित्सा सुविधा वाले केंद्र में रेफर किया जा सकता है। उपचार पूरा होने के बाद, अस्पताल द्वारा किए गए खर्च का क्लेम एसएचए (स्टेट हेल्थ अथॉरिटी) या एनएचए (राष्ट्रीय स्वास्थ्य अथॉरिटी) को भेजा जाएगा, जो समीक्षा के बाद राशि जारी करेंगे।
डीआरएसएससी (डिपार्टमेंट रिलेटेड स्टैंडिंग कमेटी) द्वारा इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जाएगी ताकि सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन हो सके और सभी पात्र पीड़ितों को उचित उपचार मिल सके। इस पहल से बिलासपुर में सड़क दुर्घटना पीड़ितों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सहायता मिलने में मदद मिलेगी।

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