
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने अपनी शादी न होने की कुंठा में शिव मंदिर में घुसकर शिवलिंग और नंदी की मूर्ति को खंडित कर दिया और फिर उन्हें पास के तालाब में फेंक दिया। इस घटना के बाद पूरे गांव में आक्रोश फैल गया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है।
क्या है पूरा मामला?
घटना बालोद जिले के ओरमा गांव की है, जो शहर से लगभग 5 किमी दूर स्थित है। जानकारी के मुताबिक, नरेंद्र निषाद उर्फ लल्लू (38 वर्ष) नामक युवक बीते रात नशे की हालत में गांव के मंदिर में पहुंचा। युवक ने शिवलिंग और नंदी की मूर्ति को पहले तोड़ दिया और फिर खंडित मूर्तियों को पास ही के तालाब में फेंक दिया।
मानसिक तनाव और ‘नशा’ बनी वजह
आरोपी राज मिस्त्री का काम करता है और पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव में था। बताया जा रहा है कि नरेंद्र की और उसकी दो बहनों की शादी नहीं हो पा रही थी, जिससे वह बेहद निराश था। उसने इस ‘दुर्भाग्य’ का दोष भगवान शिव को ठहराया और नशे में गुस्से में आकर यह शर्मनाक हरकत कर डाली।
गांव में मचा हड़कंप, पुलिस ने की तत्काल कार्रवाई
घटना का पता तब चला जब अगली सुबह ग्रामीण पूजा के लिए मंदिर पहुंचे। मूर्तियों की खंडित अवस्था देखकर गांव में सनसनी फैल गई और लोगों ने तत्काल इसकी जानकारी सरपंच को दी। फिर सरपंच की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज किया और कुछ ही घंटों में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने BNS की धारा 298 के तहत धार्मिक भावनाएं आहत करने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का केस दर्ज किया है। पूछताछ में नरेंद्र ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पुलिस ने तालाब से मूर्ति के खंडित टुकड़े भी जब्त कर लिए हैं।
गांव करेगा नई मूर्ति की स्थापना
घटना से आहत ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि उसी स्थान पर नई शिवलिंग और नंदी मूर्ति की स्थापना ग्राम समिति के सहयोग से की जाएगी। गांव के बुजुर्गों ने इसे “ईश्वर का अपमान” करार देते हुए युवक के कृत्य की कड़ी निंदा की है।
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इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि नशा, मानसिक तनाव, सामाजिक दबाव और अंधविश्वास किस तरह इंसान को ऐसा कर गुजरने पर मजबूर कर देते हैं, जिससे न केवल कानून का उल्लंघन होता है, बल्कि समाज की भावनाएं भी आहत होती हैं।