
क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो हर बार नेशनल हाईवे पर निकलते हुए टोल की पर्ची पर लिखी रकम देखकर थोड़ी मायूसी महसूस करते हैं? खासकर जब आप किसी शानदार फ्लाईओवर, लंबी सुरंग या विशाल पुल से गुजर रहे हों? तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है!
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने नेशनल हाईवे पर टोल नियमों में एक ऐसा बदलाव किया है, जिससे आपकी यात्रा का खर्च काफी हद तक कम हो सकता है। यह कटौती 50% तक हो सकती है, लेकिन यह सभी सड़कों पर लागू नहीं होगी।
कहाँ और कैसे मिलेगी यह छूट?
यह बड़ी छूट उन नेशनल हाईवे सेक्शंस पर लागू होगी जहाँ आपको बड़े-बड़े स्ट्रक्चर जैसे पुल, सुरंग, फ्लाईओवर या एलिवेटेड रोड देखने को मिलते हैं। जी हाँ, आपने सही पढ़ा! इन महंगे ढाँचों के निर्माण और रखरखाव की लागत पहले टोल को काफी बढ़ा देती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
गणित समझें, कैसे बचेगी आपकी जेब?
पहले, ऐसे स्पेशल ढाँचों वाले हिस्सों पर टोल सामान्य टोल का 10 गुना लिया जाता था। सोचिए, अगर 40 किलोमीटर का रास्ता सिर्फ पुल-सुरंगों से बना है, तो आपको 400 किलोमीटर का टोल चुकाना पड़ता था! लेकिन अब MoRTH ने एक नया और समझदारी भरा फॉर्मूला पेश किया है।
नए नियम के अनुसार, टोल की गणना दो तरीकों में से जो भी कम होगा, उसके आधार पर की जाएगी:
- स्ट्रक्चर (पुल, सुरंग आदि) की लंबाई का 10 गुना, प्लस बाकी सामान्य सड़क की लंबाई।
- पूरे टोल सेक्शन की कुल लंबाई का 5 गुना (स्ट्रक्चर सहित)।
यानी, अब अगर वही 40 किलोमीटर का टोल सेक्शन पूरी तरह से स्ट्रक्चर से बना है, तो आपको सिर्फ 200 किलोमीटर (5 x 40 किमी) के बराबर टोल देना होगा! सीधा-सीधा 50% की बचत! यह तो कमाल की बात है, है ना? - क्यों किया गया यह बदलाव?
सरकार का मकसद साफ है: यात्रा लागत को कम करना और लोगों को नेशनल हाईवे नेटवर्क का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करना। खासकर उन हिस्सों पर जहां इंजीनियरिंग के शानदार नमूने यानी ये बड़े ढाँचे बने हैं।
तो अगली बार जब आप इन विशाल पुलों या लंबी सुरंगों से गुज़रें, तो याद रखिएगा कि अब आपकी जेब पर भार कम पड़ेगा। यह निश्चित रूप से हाईवे पर ड्राइव को और भी मज़ेदार बना देगा!