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अब दे सकेंगे अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों की गुप्त सूचना टोलफ्री नम्बर (18002331905)पर

रायपुर, छत्तीसगढ़

अवैध अप्रवासियों, खास तौर पर बांग्लादेश से आने वाले लोगों के बारे में सूचना देने के लिए जनता के लिए एक टोल फ्री नंबर शुरू किया गया है।इस 18002331905 नम्बर पर दर्ज की गयी शिकायत को गुप्त रखा जायेगा।

A.I.जेनरेटेड सांकेतिक इमेज

छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी अप्रवासियों के कारण चोरी की वारदातों में वृद्धि एक चिंताजनक मुद्दा बन गया है। पुलिस और प्रशासन द्वारा की गई हालिया गिरफ्तारियों और खुलासों से यह बात सामने आई है कि कई बांग्लादेशी नागरिक फर्जी दस्तावेजों के सहारे राज्य में छिपकर रह रहे हैं और आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं, जिनमें चोरी प्रमुख है।
हालिया खुलासे और गिरफ्तारियां:
हाल के दिनों में छत्तीसगढ़ पुलिस और एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ अभियान तेज किया है। इन अभियानों के दौरान कई ऐसे गिरोहों का पर्दाफाश हुआ है जो चोरी की वारदातों में लिप्त पाए गए।

*बड़ी चोरियों में संलिप्तता: महासमुंद जैसे जिलों में पुलिस ने बांग्लादेशी चोर गिरोहों को पकड़ा है, जिनसे लाखों रुपये के जेवर और नकदी बरामद हुई है। इन गिरोहों के सदस्यों ने कई बड़ी चोरियों को अंजाम देने की बात कबूल की है। कुछ मामलों में तो 58 लाख रुपये से अधिक के जेवर बरामद हुए हैं।
* अवैध दस्तावेज और पहचान छिपाना: गिरफ्तार किए गए कई बांग्लादेशी नागरिकों के पास से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी और अन्य दस्तावेज मिले हैं। ये लोग अपनी वास्तविक पहचान छिपाकर सालों से छत्तीसगढ़ में रह रहे थे और छोटे-मोटे काम करने के बहाने चोरी जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे थे।
* अंतर्राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क: कुछ मामलों में यह भी सामने आया है कि इन चोर गिरोहों का अंतर्राज्यीय और यहां तक कि अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क भी हो सकता है। चोरी किए गए सामान को पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश भेजने के प्रयास भी सामने आए हैं
स्थानीय लोगों की चिंताएं:
स्थानीय लोग अवैध अप्रवासियों की बढ़ती संख्या और उनके द्वारा की जा रही आपराधिक गतिविधियों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं। उन्हें लगता है कि इससे क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो रही है और उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ रही है। रोजगार के अवसर कम होने और संसाधनों पर दबाव बढ़ने के साथ-साथ अपराधों में अप्रवासियों की संलिप्तता ने स्थानीय लोगों की नाराजगी को और बढ़ा दिया है।
प्रशासन की कार्रवाई और चुनौतियां:
छत्तीसगढ़ सरकार ने अवैध अप्रवासियों की पहचान और उन्हें वापस भेजने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का गठन किया है। विभिन्न जिलों में धरपकड़ अभियान चलाए जा रहे हैं और डिटेंशन सेंटर भी बनाए जा रहे हैं। हालांकि, यह एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, क्योंकि बड़ी संख्या में लोग फर्जी दस्तावेजों के सहारे रह रहे हैं और उनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है।
प्रशासन को इस समस्या से निपटने के लिए सीमावर्ती राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता है ताकि अवैध घुसपैठ को रोका जा सके और आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके।

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