
रायपुर
पहले, जब भी किसी शातिर अपराधी से सच उगलवाना होता था या किसी उलझे हुए मामले की गुत्थी सुलझानी होती थी, तो हमारे पुलिसवालों को बड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। नार्को टेस्ट के लिए आरोपियों को सुदूर हैदराबाद जैसे शहरों में ले जाना पड़ता था। सोचिए, कितना समय और पैसा लगता होगा?
लेकिन अब वो दिन गए! छत्तीसगढ़ के लिए यह एक क्रांतिकारी कदम है! अब रायपुर खुद नार्को टेस्ट की सुविधा से लैस हो गया है। जी हाँ, बिल्कुल सही सुना आपने! अब अपराधियों के मन के छिपे राज रायपुर में ही खुलेंगे।
यह सब मुमकिन हुआ है अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) रायपुर और राज्य के फॉरेंसिक साइंस लैब के शानदार तालमेल से। इन्होंने मिलकर इस हाइ-टेक सुविधा को शुरू किया है। इसके लिए नई-नई मशीनें भी लाई गई हैं, ताकि टेस्ट पूरी तरह से सटीक और वैज्ञानिक तरीके से हो सके।
इसका सीधा-सा मतलब ये है कि अब आपराधिक मामलों की जांच में पुलिस को सुपरपावर मिल गई है। अब न तो आरोपियों को बाहर भेजना पड़ेगा और न ही इंतजार करना पड़ेगा। फटाफट टेस्ट होगा, और सच बाहर आएगा! इससे उलझे हुए मामले तेजी से सुलझेंगे और अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाना और भी आसान हो जाएगा।
तो अगली बार जब आप किसी क्राइम थ्रिलर फिल्म में नार्को टेस्ट होते देखें, तो याद रखिएगा – अपने रायपुर में भी अब ये ‘राज खोलने’ वाली सुविधा आ गई है!